हमारा देश किसानों का देश है कुछ वर्ष पहले तक एक ही वर्ग के किसान होते थे जिन्हे लोग 'गरीब किसान' के रूप में जानते थे जो सिर्फ़ खेती कर और रात-दिन मेहनत कर अपना व परिवार का गुजारा करते थे लेकिन समय के साथ-साथ बदलाव आया और एक नया वर्ग भी दिखने लगा जिसे हम 'अमीर किसान' कह सकते हैं।
... अरे भाई, ये 'अमीर किसान' कौन सी बला है जिसका नाम आज तक नहीं सुना .....और ये कहां से आ गया ... अब क्या बतायें, 'अमीर किसान' तो बस अमीर किसान है .... कुछ बडे-बडे धन्ना सेठों, नेताओं और अधिकारियों को कुछ जोड-तोड करने की सोची.... तो उन्होने दलालों के माध्यम से गांव-गांव मे गरीब-लाचार किसानो की जमीनें खरीदना शुरू कर दीं... और फ़िर जब जमीन खरीद ही लीं, तो किसान बनने से क्यों चूकें !!! ......... आखिर किसान बनने में बुराई ही क्या है........ फ़िर किसानी से आय मे 'इन्कमटैक्स' की छूट भी तो मिलती है साथ-ही-साथ ढेर सारी सरकारी सुविधायें भी तो है जिनका लाभ आज तक बेचारा 'गरीब किसान' नहीं उठा पाया ।
........ अरे भाई, यहां तक तो ठीक है पर हम ये कैसे पहचानेंगे कि अमीर किसान का खेत कौनसा है और गरीब किसान का कौन सा ? ............ बहुत आसान है मेरे भाई, जिस खेत के चारों ओर सीमेंट के खंबे और फ़ैंसिंग तार लगे हों तो समझ लो वह ही अमीर किसान का खेत है, थोडा और पास जाकर देखोगे तो खेत में अन्दर घुसने के लिये बाकायदा लोहे का मजबूत गेट लगा मिलेगा, तनिक गौर से अन्दर नजर दौडाओगे तो एक शानदार चमचमाती चार चक्का गाडी भी खडी दिख जायेगी ...... तो बस समझ लो यही 'अमीर किसान' का खेत है ।
........... अब अगर अमीर किसान और गरीब किसान में फ़र्क कुछ है, तो बस इतना ही है कि अमीर किसान के खेत की देखरेख साल भर होती है, और गरीब किसान के खेत में साल भर में एक बार "खेती" जरूर हो जाती है ।
17 comments:
दरअसल ये हमारा किसान और तुम्हारा किसान का मसला है|
अमीर किसान के खेत की देखरेख साल भर होती है, और गरीब किसान के खेत में साल भर में एक बार "खेती" जरूर हो जाती है ।
बिलकुल सटीक -- अब तो बिना खेती वाले भी किसान हैं
बहुत सही कहा है अमिर किसान सिर्फ नाम का किसान है असल में तो तो व्यापारी है !
गरीब अमीर किसान का फ़र्क यही है कि
अमीर खेती करता है इनकम टैक्स बचाने के लिए
गरीब खेती करता है अपनी भुख मिटाने के लिए
आपकी पोस्ट की चर्चा यहां पर भी है।
kishano ka koi majhab nahi hota aur na hi koi dayara ya samooh ye sab to bechare politics ke sikar hai.
बहुत सही कहा है अमिर किसान
SAHYAM JI BEHTREEN PARASTUTI..
सही कहा आपने .......... आमिर किसान और ग़रीब किसान का फ़र्क आसानी से समझा दिया ..........
behtarin post kisan par
abhar................
behtarin post kisan par
abhar................
kisaano per uttam rachana ke liye dhanyavad
उदय साहब
अमीर किसान भी अंतत: किसान ही होता है।
बहुत सटीक और सुंदर आलेख..
very nice. Excellent.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है बधाई
lekh padha , achcha laga.
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