Sunday, May 24, 2009

शेर

शेर - 48
तौबा कर लेते मोहब्बत से
गर तेरे इरादे भाँप जाते हम।
शेर - 47
चमचागिरी का दौर बेमिसाल है
चमचों-के-चमचे भी मालामाल हैं।

4 comments:

Anonymous said...

उदय साहाब, सही कहा चमचागिरि का ही दौर चल रहा है, चमचे ही आगे जा रहे है ।

संध्या आर्य said...

khari khari

दिगम्बर नासवा said...

तौबा कर लेते मोहब्बत से
गर तेरे इरादे भाँप जाते हम।

उदय साहब...........
चोट खाने के बाद ही याद आता है............खूबसूरत शेर

संजय भास्‍कर said...

खूबसूरत शेर.............