"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
शेर - 48तौबा कर लेते मोहब्बत सेगर तेरे इरादे भाँप जाते हम।शेर - 47चमचागिरी का दौर बेमिसाल हैचमचों-के-चमचे भी मालामाल हैं।
उदय साहाब, सही कहा चमचागिरि का ही दौर चल रहा है, चमचे ही आगे जा रहे है ।
khari khari
तौबा कर लेते मोहब्बत सेगर तेरे इरादे भाँप जाते हम।उदय साहब...........चोट खाने के बाद ही याद आता है............खूबसूरत शेर
खूबसूरत शेर.............
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उदय साहाब, सही कहा चमचागिरि का ही दौर चल रहा है, चमचे ही आगे जा रहे है ।
khari khari
तौबा कर लेते मोहब्बत से
गर तेरे इरादे भाँप जाते हम।
उदय साहब...........
चोट खाने के बाद ही याद आता है............खूबसूरत शेर
खूबसूरत शेर.............
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