"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
दुश्मनी का अब, वक्त नही हैअमन के रास्ते मे, काँटे बहुत हैं।
bahut khoob
bilkul sahi kahtey hain aap...
अच्छा विचार है
दुश्मनी का अब, वक्त नही हैअमन के रास्ते मे, काँटे बहुत हैं।लाजवाब....!!
bahut khoob sir ji........
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5 comments:
bahut khoob
bilkul sahi kahtey hain aap...
अच्छा विचार है
दुश्मनी का अब, वक्त नही है
अमन के रास्ते मे, काँटे बहुत हैं।
लाजवाब....!!
bahut khoob sir ji........
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