"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
आँखें जब बात करती है, तो सब सुनते है । बोलता कोई नही । वहां शब्दों की जरुरत नही । उन आंखों में गजब का आकर्षण होता है । कहानी ख़ुद ब ख़ुद बयां हो जाती है..... तेरी कातिल अदाएँ हैं....
सच में कातिल है....मीत
bahut khuub!
तेरी कातिल अदाएँ हैं ...achcha sher he..esa laga maano aap poori gazal banakar pesh karte to aour mazaa aataa..bahrhaal sher maakool he.
खौफ है तो, तेरी कातिल अदाएँ हैंवाह-वाह बहुत ख़ूब
kya khoob kaha aapne.
नही है खौफ बस्ती में, तेरी खुबसूरती काखौफ है तो, तेरी कातिल अदाएँ हैं ।वाह...वाह.......!! जाने वो कौन सी अदा थी उनकीके हम हयात से कोसों दूर निकल आये ...!!
aapke kahne ka andaz,sach me katil hai....
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8 comments:
आँखें जब बात करती है, तो सब सुनते है । बोलता कोई नही । वहां शब्दों की जरुरत नही । उन आंखों में गजब का आकर्षण होता है । कहानी ख़ुद ब ख़ुद बयां हो जाती है..... तेरी कातिल अदाएँ हैं....
सच में कातिल है....
मीत
bahut khuub!
तेरी कातिल अदाएँ हैं ...
achcha sher he..
esa laga maano aap poori gazal banakar pesh karte to aour mazaa aataa..bahrhaal sher maakool he.
खौफ है तो, तेरी कातिल अदाएँ हैं
वाह-वाह बहुत ख़ूब
kya khoob kaha aapne.
नही है खौफ बस्ती में, तेरी खुबसूरती का
खौफ है तो, तेरी कातिल अदाएँ हैं ।
वाह...वाह.......!!
जाने वो कौन सी अदा थी उनकी
के हम हयात से कोसों दूर निकल आये ...!!
aapke kahne ka andaz,sach me katil hai....
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