"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बडा मुश्किल है जीना, यारों के चलन मेंयारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।
nice .... inspirational lines...
Vah..shyam ji,bahut badhiya sher likha hai apne..badhai.
बडा मुश्किल है जीना, यारों के चलन मेंयारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।waah !bahut khuub sher kahaa hai!
Bahut sundar..dad deta hoon.
दैनिक हिंदुस्तान अख़बार में ब्लॉग वार्ता के अंतर्गत "डाकिया डाक लाया" ब्लॉग की चर्चा की गई है। रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया है. इसे मेरे ब्लॉग पर जाकर देखें !!
अच्छा शेर..............बहुत खूब
यारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।बहुत अच्छी और कडुवे सच को मुखातिव होती रचना.बधाई.चन्द्र मोहन गुप्त
great shyam bhai great
बहुत खूब!!
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9 comments:
nice .... inspirational lines...
Vah..shyam ji,
bahut badhiya sher likha hai apne..
badhai.
बडा मुश्किल है जीना, यारों के चलन में
यारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।
waah !bahut khuub sher kahaa hai!
Bahut sundar..dad deta hoon.
दैनिक हिंदुस्तान अख़बार में ब्लॉग वार्ता के अंतर्गत "डाकिया डाक लाया" ब्लॉग की चर्चा की गई है। रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया है. इसे मेरे ब्लॉग पर जाकर देखें !!
अच्छा शेर..............बहुत खूब
यारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।
बहुत अच्छी और कडुवे सच को मुखातिव होती रचना.
बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
great shyam bhai great
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