"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
ताउम्र समेटते रहे दौलती पत्थरमौत आई तो मिटटी ही काम आई ।
लेकिन यह बात सब की समझ मै नही आती, काश इस शॆर का अर्थ सब की समझ मै आ जाये तो सभी सुखी हो जाये.धन्यवाद इस सुंदर शॆर के लिये
मिट्टी ही मिट्टी के काम आई
बेहतरीन शेर...........जिंदगी का सच २ लाइनों में समेत लिया......साधु साधु
बहुत खूब!
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लेकिन यह बात सब की समझ मै नही आती, काश इस शॆर का अर्थ सब की समझ मै आ जाये तो सभी सुखी हो जाये.
धन्यवाद इस सुंदर शॆर के लिये
मिट्टी ही मिट्टी के काम आई
बेहतरीन शेर...........
जिंदगी का सच २ लाइनों में समेत लिया......
साधु साधु
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