Tuesday, February 24, 2009

शेर - 11

कहाँ से चले थे, कहाँ आ गये हम
हमें न मिले वो, जो कश्में भुला गये ।

4 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

aadmi ko ye to yad rakhna hee chahiye kiwah kaha se chala tha.narayan narayan

BrijmohanShrivastava said...

ये कहाँ आगये हम ,यूंही साथ चलते चलते /

राज भाटिय़ा said...

सच कहते हे आप कस्मे खाने वाले तो झुठे ही होते है, इस लिये कसम से हम कभी कसम नही खाते :)
बहुत सुंदर .
धन्यवाद

दिगम्बर नासवा said...

सत्य बात...........उम्दा शेर कहा है