"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
उदय जी बहुत बढिया बात कही है पहले तो कांटे चुभाये अब पछता रहे होंगे
बहुत खूब !बढ़िया शेर है !
Wah..Wah..wa
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3 comments:
उदय जी बहुत बढिया बात कही है पहले तो कांटे चुभाये अब पछता रहे होंगे
बहुत खूब !
बढ़िया शेर है !
Wah..
Wah..wa
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