"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
माँ ऐसी ही होती है
क्या ये विरोधाभाष उचित है।
असमंजस मन का कोई कमी सा।
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क्या ये विरोधाभाष उचित है।
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