एक मोटी किताब
सुनते हैं, देश चलता है उससे
उसमें लिखा एक-एक शब्द पत्थर की लकीर है
लोगों से
हम तो ऐसा ही सुनते आए थे
पर, अब लगता है, सब झूठ है
आज
सफेद कुर्ते वाले, काले कोट वाले, अपराधी सोच वाले
उसमें ओवरराइटिंग कर दे रहे हैं
उनकी ओवरराइटिंग
कभी-कभी तो
हमें, पत्थर से भी ज्यादा मजबूत लगती है
शायद सब भ्रम था
मोटी किताब की जो कहानी हमने सुनी थी
झूठ थी ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
सुनते हैं, देश चलता है उससे
उसमें लिखा एक-एक शब्द पत्थर की लकीर है
लोगों से
हम तो ऐसा ही सुनते आए थे
पर, अब लगता है, सब झूठ है
आज
सफेद कुर्ते वाले, काले कोट वाले, अपराधी सोच वाले
उसमें ओवरराइटिंग कर दे रहे हैं
उनकी ओवरराइटिंग
कभी-कभी तो
हमें, पत्थर से भी ज्यादा मजबूत लगती है
शायद सब भ्रम था
मोटी किताब की जो कहानी हमने सुनी थी
झूठ थी ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
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