तिनके तिनके में बंटी है जिंदगी
फिर भी कहते हैं समेटो जिंदगी ?
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रंज-औ-गम को छोडो
चलो चलें - बढ़े चलें ?
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सुबह की, … दुआ-सलाम क़ुबूल करें
आज से, हम भी आशिक हैं तुम्हारे ?
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तू अपनी खुबसूरती पे इतराना बंद कर
होंगे कोई और, हम तो तेरी अदाओं के दीवाने हैं ?
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तुझे, तेरी गली की दूधिया चाँदनी मुबारक
हमें तो …
टूटते तारों की रौशनी ही बहुत काफी है ??
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