Monday, September 29, 2014

नई शुरुवात ...

कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन है 'उदय' 
'काल' को भजें या 'काली' को हम ? 
… 
भजो, जपो, तपो 
माल पुआ गपो ? 
… 
कहाँ, किस ओर बढ़ें … 
'नो इंट्री' में, चालान से डर लगता है 'उदय' ?
… 
सच ! काल को भज लो या काली को 
वर्ना, कभी भी गटक लिए जाओगे ?
… 
पुराने मामले सब रफा-दफा करें 
चलो, … इक नई शुरुवात करें ? 
… 

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