Friday, May 9, 2014

नौटंकी ...

सवाल नहीं है अब कच्चे-पक्के का
जब खुद है दिल उनका बच्चे का ?

अच्छे दिन, आने वाले हैं, या… जाने वाले हैं
बड़े कन्फ्यूज हैं हम, कहें तो क्या कहें 'उदय' ?
… 
कुरेद कुरेद के उन्ने जख्म हरे कर दिए 
और अब कहते हैं कि हमें माफी दे दो ? 
… 
बेरहमों पर रहम
क्यों, किसलिये ?
लो 'उदय', नटों को भी ………… मात दे रहे हैं वो
फर्जी प्रचार औ दुष्प्रचार के बाद, अब फर्जी नौटंकी ?

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