जी चाहे उतने पर कतरते रहो
हम, इरादों से उड़ान भर लेंगे !
...
हाल-ए-दिल अपना बयां कैसे करें
चुप रहो, उनकी ये पहली शर्त है !
...
सच ! मौसम के मिजाज तो फिर भी समझ लेते हैं हम
पर एक तुम हो ? ... उफ़ ! कब आना, औ कब जाना !!
2 comments:
इरादों की उड़ानों पर ही जिन्दा है।
हाल-ए-दिल अपना बयां कैसे करें
चुप रहो, उनकी ये पहली शर्त है !
काश कि किसी से मैं भी कह सकती....!!
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