"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
:-)एक गुरू सब चेरा।
बिन गुरु ज्ञान कहाँ से पाऊँ...सुंदर रचना.
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2 comments:
:-)
एक गुरू सब चेरा।
बिन गुरु ज्ञान कहाँ से पाऊँ...
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