क्या लिखूँ ?... मैं सोच रहा हूँ
जो तुमको भा जाऊं !
अ ब स द ... क ख ग घ
ए बी सी डी ... एक्स वाय जेड
९ २ ११ ... ५ ३ १८
कुछ न कुछ लिख जाऊं
जग को छोडो ...
तुमको मैं ... थोड़ा तो भा जाऊं
गीत लिखूं
संगीत लिखूं
या फिर मौन मैं लिख जाऊं
क्या लिखूँ ?... मैं सोच रहा हूँ
जो तुमको भा जाऊं !!
2 comments:
आपकी सभी कवितायें बड़ी अच्छी होती हैं. इन्हें संग्रह का रूप कब दे रहे हैं.
very nice.
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