"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बहुत सुन्दर सार्थक रचना। धन्यवाद।
very romantic....
yes!!!very romantic..
बिखरने देना गुनाह है...
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4 comments:
बहुत सुन्दर सार्थक रचना। धन्यवाद।
very romantic....
yes!!!
very romantic..
बिखरने देना गुनाह है...
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