लोग कहते हैं कि तुम
अड़ियल हो !
क्यों हो ? किसलिए हो ?
किसने कह दिया तुमसे
कि -
मैं अड़ियल हूँ !!
शायद, कहने वालों की समझ -
नासमझ है !!
क्यों, क्योंकि -
मैं अड़ियल नहीं हूँ !!!
सैद्धांतिक हूँ !
सत्यवादी हूँ !
तुम, उनकी छोडो ! मेरी छोडो !!
ये बताओ
क्या -
सैद्धांतिक, सत्यवादी होना
अड़ियल होना है ???
1 comment:
काँटा कठोर है, तीखा है, उसमें उसकी मर्यादा है..
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