दोस्त होकर भी, फिर मुंह फुला के बैठा है 
देखो तो, कितना सच्चा - कितना झूठा है ! 
... 
सच ! कितना झूठा हूँ, मैं न पूछूंगा तुझसे 
पर, तू कितनी सच्ची है, ये तो बताते जा !! 
... 
दिल को तोड़ना तो बहुत आसां है यारो 
जोड़ के दिखाओ तो कुछ बात बने ! 
... 
न तो तुम झूठे हो, न ही मैं सच्चा हूँ 
पर, कोई तो हो जो ये फैसला कर दे !
... 
न तो कुछ कहते हो, न ही कुछ सुनते हो 
अब कैसे मानूं कि तुम सच्चे हो !! 
 
 
1 comment:
मौन को क्या कहें, सच्चा या झूठा..
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