"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Sunday, December 18, 2011
चाह ...
"चुम्बन, आलिंगन, मिलन, सम्भोग, जैसे छोटे-मोटे व्यवहारिक शब्दों को पढ़कर महिलाएं उद्धेलित जैसी हो जाती है ... पता नहीं, आज के बदलते परिवेश में वे किस आजादी, स्वतंत्रता, समानता की चाह रखती हैं !"
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