"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Friday, December 16, 2011
जिंदगी ...
फिर से - एक नई शुरुवात करनी होगी हमें ... नए शब्दों, नए विचारों - नए कदमों के सांथ ! नई राहों पर नई मंजिल की ओर !! जिंदगी - हर पल, हर क्षण सफ़र ही तो है ! हमें, तय करना है, फासला - अंतिम साँसों तक ... !!
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