चलो आज कुछ नया किया जाए
क्यों न किसी -
नेता
अभिनेता
अफसर
समाजसेवी
पर एकाद चप्पल उछाली जाए !
क्या होगा
ज्यादा से ज्यादा
मौके पर
या मौके से थाने जाते जाते
या थाने पर
दो-चार लात-घूंसे ही तो खाने पड़ सकते हैं
और दो-चार घंटों के बाद
रहमदिली के कारण
थाने से भी छूट जाना है !
पर इस बीच इतना तो तय है
कि -
अपुन का नाम व फोटो
टेलीविजन -
समाचार पत्रों में छा जाना है
इंटरव्यू भी होंगे, और
दो,चार,छ: दिनों तक सुर्खियाँ भी बनी रहेंगी !
और जब जब ऐंसी घटनाएँ होंगी
तब तब भी अपुन की चर्चा होते रहेगी
मतलब
एक बार, एक साहसी कदम उठाकर
आजीवन चर्चाओं और सुर्ख़ियों में बने रहना है
और तो और माफी भी मिल जाना है
बस, उछालो जूते-चप्पल ...
कमाल है ! जय जयकार है !!
2 comments:
सुर्खी तो बनी रहेगी पर भला किसका होगा।
बस, उछालो जूते-चप्पल ...
कमाल है ! जय जयकार है !!
सटीक लिखा है ..
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