Monday, July 4, 2011

... ऐसे जांबाज बच्चे, धरा की शान होते हैं !!

करते रहें गुनाह, और सजा भी मिले
क्या खूब मंजर हैं, गुनहगारों के हांथ में !
...
सच ! होते तो होंगे, घरों में आईने इनके
पर, शायद, ये खुद को देखते नहीं होंगे !
...
उफ़ ! क्या खूब परेशां किया है किसी ने
शायद चाहती है, मगर छिप-छिप कर !
...
किसी ने की तो है मोहब्बत, किसी से बेइंतेहा
अफ़सोस, कोई है जो चाहता किसी और को है !
...
सच ! हर रोज की तरह, ये सब मेरे सामने है
कुछ बोलती भी है, और कुछ खामोश भी है !
...
हम मर मर कर भी फिर से ज़िंदा हो जायेंगे
झूठे हैं तो क्या इतने जल्दी हम मर जायेंगे !
...
कब तक देते दिलासा, उमड़ते जज्बातों को
लो बयां कर दिए, अब जैसी तुम्हारी मर्जी !
...
सच ! चवन्नी देख के, सहम जाते थे लोग
अब नहीं रही, भूल जाएंगे लोग, अपनी अपनी औकातें !
...
दुआ हम भी करे हैं, उसे महफूज रखना 'खुदा'
ऐसे जांबाज बच्चे, धरा की शान होते हैं !!

2 comments:

निर्मला कपिला said...

दुआ हम भी करे हैं, उसे महफूज रखना ए 'खुदा'
ऐसे जांबाज बच्चे, धरा की शान होते हैं !!
बहुत खूब। शुभकामनायें।

Kailash Sharma said...

सच ! होते तो होंगे, घरों में आईने इनके
पर, शायद, ये खुद को देखते नहीं होंगे !...

बहुत खूब ! सभी शेर बहुत अच्छे..