Wednesday, June 22, 2011

... सड़क पर बिखरे पड़े हैं, आजादी के भारत आज !

उफ़ ! बेवजह ही सल्लू मियाँ बधाई देने पे उतारू हैं
खुदी की करानी हो जगहंसाई, तो और भी ढेरों ठिकाने हैं !
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मुबारकां तुमको, बड़े-बुजुर्गों को, और नन्हे मेहमां को
खुशी के पल हैं, खुश रहो, और रखो खुश सारे जहां को !
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एयरकंडीशन कमरों में, बसी है देश की आजादी आज
और सड़क पर बिखरे पड़े हैं, आजादी के भारत आज !
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नींद भी आती नहीं, और चैन भी पड़ता नहीं
सच ! खूबसूरती भी, किसी बला से कम नहीं होती !
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कोई कैसे मान ले, ये जनता द्वारा चुनी गई सरकार है
पूर्ण बहुमत है नहीं, बस मिला-जुला गठबंधन है !
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अन्ना हो जाओ चौकन्ना, अब भ्रष्टतम भ्रष्ट लोगों से है भिड़ना
एक अरविंद काफी नहीं, सेकड़ों अरविंदों के सांथ, है आगे बढ़ना !
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लोकपाल के मसले पर, भ्रष्टाचारियों की मंसा जाहिर है
जनमानस को सोचना होगा, क्या ये सरकार हमारी है !

3 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

लोकपाल के मसले पर, भ्रष्टाचारियों की मंसा जाहिर है
जनमानस को सोचना होगा, क्या ये सरकार हमारी है !

सटीक ...

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर और सार्थक लेख| बहुत सटीक|

अंकित कुमार पाण्डेय said...

सुन्दर पंक्तियाँ