बाबू जी
सारा गाँव, उन्हें
बाबू जी ... बाबू जी ... पुकारता था
बूढ़े-बच्चे, आदमी-औरत
छोटे-बड़े, अमीर-गरीब ...
सब के सब -
उनके, गाँव आने पर झूम उठते थे
चहेते थे, माननीय थे, पूज्यनीय थे
बस स्टैंड से घर पहुंचते-पहुंचते
घंटे - डेढ़ घंटे लग जाता था
सब से दुआ-सलाम, मेल-मुलाक़ात
हाल-चाल पूंछते, जानते, ... आगे बढ़ते थे
बच्चों को, खाने-पीने की चीजें
बाँटते-बाँटते चलते थे
कुछ पल, कुछ घड़ी को, उनके इर्द-गिर्द
मेला-सा लग जाता था
यह मंजर उनके आने पर
और ठीक इसी तरह का आलम ... उनके जाने पर
हुआ करता था, पर ... अब गाँव
सूना सूना-सा रहेगा
क्यों, क्योंकि, अब ... बाबू जी नहीं रहे
कहते हैं, सुनते हैं
अब ... बाबू जी का ... स्वर्ग में वास हो गया है !!
8 comments:
बेशक बाबूजी एक धनि व्यक्तित्त्व के स्वामी थे । बाबूजी को विनम्र श्रधांजलि ।
श्रद्धांजलि।
बाबु जी को विनम्र श्रद्धांजलि
श्रद्धा सुमन अर्पित......
बाबु जी को विनम्र श्रद्धांजलि
बाबु जी को विनम्र श्रद्धांजलि
विनम्रतम श्रद्धांजली...
babooji ko naman...
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