सच ! तुम हसीन
बेहद ख़ूबसूरत हो
जब तुम्हें देखता हूँ
तो सिर्फ देखते रहता हूँ
तुम्हारी आँखें
उफ्फ़ ! क्या कहूं
अजीब-सी कशिश
अजीब-सा जादू है
जब भी मुझे
देखती हैं ! उफ्फ़
अपना बना लेती हैं !
हाँ ! याद है मुझे
जब तुमने मुझे
पहली बार देखा था
बस ! उसी पल
तुमने मुझे, न चाहकर भी
अपना बना लिया था
वो दिन या आज का दिन
मैं तुम्हारी आँखों के
इर्द-गिर्द ही हूँ
सच ! क्या तुम्हें पता है
कि तुम एक जादूगरनी हो !
शायद ! नहीं
ठीक है, अच्छा ही है
तुम अंजान हो
तुम्हें यह ही यकीं है
कि मैं तुम्हें
बे-इम्तिहां चाहता हूँ
सच ! चाहता तो हूँ
पर अनोखा सच तो
तुम्हारी आँखों का जादू
खैर ! जाने दो
मुझे तो सिर्फ इतना पता है
कि मैं तुम्हें बेहद
बे-इम्तिहां चाहता हूँ !!
23 comments:
आदरणीय उदय जी
नमस्कार !
सच ! चाहता तो हूँ
पर अनोखा सच तो
तुम्हारी आँखों का जादू
खैर ! जाने दो
मुझे तो सिर्फ इतना पता है
कि मैं तुम्हें बेहद
बे-इम्तिहां चाहता हूँ !!
..........."ला-जवाब" जबर्दस्त!!
आँखों का जादो सभो को वश में कर लेता है
वाह, बेहतरीन उदय भाई
नूतन वर्षाभिनंदन
नज़रों की जबां नज़रों ने जानी....
"बाते नज़रों से कर लीजिए,
क्या नज़रों की जबां आती नहीं.
सुन्दर चित्रण.
साधुवाद.
बहुत गाढ़ा चित्रण भावनाओं का।
Good love poem.
Good love poem.
चाहत का कातिलाना अंदाज !
हाँ ! याद है मुझे
जब तुमने मुझे
पहली बार देखा था
बस ! उसी पल
तुमने मुझे, न चाहकर भी
अपना बना लिया था
वो दिन या आज का दिन
मैं तुम्हारी आँखों के
इर्द-गिर्द ही हूँ
सच ! क्या तुम्हें पता है
कि तुम एक जादूगरनी
bahut badiya prastuti
bahut hi badiya likha hai ..
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यही तो चाहत होती है
वो चाहे ना चाहे
तेरी आंखों में वो जादू है...
udaiji,
hai to jadugarni hi!
achchhi sanyog shringar ki rachna.
बेहद उम्दा रचना, बेहतरीन प्रस्तुति !
चाहत की सुन्दर अभिव्यक्ति.
uday ji, behad pyare ehsas ke sath sunder kavita.....
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
सुन्दर अभिव्यक्ति !
तभी तो यह गीत बना था.... निशाना चूक ना जाये जरा नजरो से.... अजी यही जादू हे जो अच्छो अच्छो को हिला देता हे.
बहुत सुंदर रचना धन्यवाद
Kya jadu hai!!
चाहत की कोई सीमा नहीं होती, वाकई.
पता है उदय जी,
कुछ लोग जानबुझ कर अंजान बनते हैं ।
सब जादू से भरे हैं...
जादू ही तो है
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