चलो बन जाएं आज, हम सब 'सांता क्लाज'
मिलकर बांटे खुशी, न सोचें कौन अपना, कौन पराया है !
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तेरी खामोशियों से, कोई शिकायत नहीं है हमको
कम से कम वादा करने, मुकर जाने का डर जो नहीं है !
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हर पहर इबादत को, हाथ उठते नहीं हमारे
'खुदा' जानता है, सुबह-शाम के मजदूर हैं हम !
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है आलम अमीरी का, फिर भी फटे कपडे
चलो कोई बात नहीं, हम गरीब ही अच्छे हैं !
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हर रोज, बदला बदला सा, नजर आता है चेहरा तुम्हारा
चलो आज, खुशनसीबी है, जो मुस्कराहट भी नजर आई !
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गरीबी, लूट, मंहगाई, दिन-व-दिन बढ़ रही है
क्या फर्क, बढ़ने दो, हमें तो सरकार की चिंता है !
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कम से कम वादा करने, मुकर जाने का डर जो नहीं है !
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हर पहर इबादत को, हाथ उठते नहीं हमारे
'खुदा' जानता है, सुबह-शाम के मजदूर हैं हम !
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है आलम अमीरी का, फिर भी फटे कपडे
चलो कोई बात नहीं, हम गरीब ही अच्छे हैं !
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हर रोज, बदला बदला सा, नजर आता है चेहरा तुम्हारा
चलो आज, खुशनसीबी है, जो मुस्कराहट भी नजर आई !
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गरीबी, लूट, मंहगाई, दिन-व-दिन बढ़ रही है
क्या फर्क, बढ़ने दो, हमें तो सरकार की चिंता है !
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17 comments:
तेरी खामोशियों से, कोई शिकायत नहीं है हमको
कम से कम वादा करने, मुकर जाने का डर जो नहीं है
बहुत सुन्दर
गरीबी, लूट, मंहगाई, दिन-व-दिन बढ़ रही है
क्या फर्क, बढ़ने दो, हमें तो सरकार की चिंता है !
आदरणीय उदय जी
नमस्कार
क्या करार व्यंग्य है....हमें तो सरकार की चिंता है ...इसी सरकार की चिंता ने तो आम गरीबों को गहरी चिंता में... डाल रखा है ..पूरी गजल का एक -एक शेर बहुत अर्थपूर्ण है ...शुक्रिया
है आलम अमीरी का, फिर भी फटे कपडे
चलो कोई बात नहीं, हम गरीब ही अच्छे हैं !
सही है।
हैप्पी क्रिसमस!
बहुत खूब ..सारे अशआर बढ़िया ...
तेरी खामोशियों से, कोई शिकायत नहीं है हमको
कम से कम वादा करने, मुकर जाने का डर जो नहीं है !
वाह क्या बात है...
"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये
हर पहर इबादत को, हाथ उठते नहीं हमारे
'खुदा' जानता है, सुबह-शाम के मजदूर हैं हम !
सबसे ज्यादा पसन्द आया……………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
सच वाकई में काफी कड़वा है..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति थी.. अच्छा लगा..
आभार
आने वाला नया साल गरीबों के लिये ही कुछ अच्छाई लेकर आये...
हर पहर इबादत को, हाथ उठते नहीं हमारे
'खुदा' जानता है, सुबह-शाम के मजदूर हैं हम !
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ... सुन्दर प्रस्तुति
है आलम अमीरी का, फिर भी फटे कपडे
चलो कोई बात नहीं, हम गरीब ही अच्छे हैं !
..............करार व्यंग्य है..
मेरी क्रिसमस & हेप्पी न्यू ईयर...
खुशियाँ और प्यार लुटाने के लिये कुछ भी बना दो।
बहुत सुंदर रचना जी, धन्यवाद
हैप्पी क्रिसमस मैरी क्रिसमस
हर रोज बदला बदला सा, नजर आता है चेहरा तुम्हारा
चलो आज खुशनसीबी है, जो मुस्कराहट भी नजर आई
चेहरे पे मुस्कुराहट आना सचमुच खुशनसीबी है।
बहुत बढ़िया शायरी...शुभकामनाएं।
बहुत खूब!
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