Friday, December 10, 2010

ब्लॉग चटा चट ....... "मुन्नी बदनाम हुई" बीयर बार !

भईय्या ... भईय्या ... अरे अनुज क्या हो गया, सांस ले ले पहले ... नहीं भईय्या, बात ही कुछ ऐसी है कि आपसे पूछने को मन मचल रहा है !
... हाँ बता अब क्या समस्या लेकर घूम रहा है ... नहीं भईय्या समस्या नहीं, एक सुझाव ... हाँ हाँ बोल क्या बात है !

... भईय्या वो चिट्ठाज ... अरे रे रे रे ... नहीं भईय्या आपकी भाषा में ... वो बिनाका गीतमाला है ना ... हाँ क्या हो गया उसको, अच्छी खासी तो दौड़ रही है, गुरुओं चेलाओं की मंडली की जय जयकार है !
... वो तो सब ठीक है भईय्या, पर समस्या कुछ दूसरी है ... क्या है !

... भईय्या कल शाम को मैं "मुन्नी बदनाम हुई" बार में बैठकर बीयर पी रहा था, वहीं पर बिनाका गीतमाला का मालिक अपने किसी शिष्य के साथ पैक के मजे लेते लेते चिंता जाहिर कर रहा था कि - बहुत बदनामी हो रही है ये गुरु-चेले मिल मिल कर वही घिसे-पिटे ४० गाने बजाने में मस्त हैं जनता अब इन गानों ... भईय्या भईय्या जिन्दावाद ... भाई भतीजा जिन्दावाद ... अपनी डफली अपना राग ... बिना टिप्पणी जिन्दावाद ... कोई पढ़े जिन्दावाद ... चेले चपाटे जिन्दावाद ... तू मेरी खुजा मै तेरी खुजाऊँ ... जैसे घिसे-पिटे गानों से नाराजगी झेलनी पड़ रही है !

... अरे ये बात है तो उसे यह बदनामी वाला सिस्टम बंद कर देना चाहिए ... बातों से तो लगा कि वह आज ही बंद कर दे, पर कोई विकल्प की तलाश में लग रहा है ... ऐसा है क्या ! चल एक काम कर, अगर तुझे दोबारा दिखाई दे तो उसे ये नया फार्मूला बता देना !

... वो क्या है भईय्या ... बताना कि सर्वप्रथम तो वेबसाईट का कनेक्शन कट करे सिर्फ ब्लॉग ही रखे, ... ये ब्लॉग के बीच में वेबसाइटों का घुचड़-पुचड ठीक नहीं है और ये हवाले-घोटाले जैसे घटिया सिस्टम बंद कर दे ... सिर्फ एक फार्मूला रखे "सर्वाधिक पढ़े गए" को आधार बना कर रेंकिंग सिस्टम लागू कर दे वो भी "पिछले तीन-तीन महीने को आधार" मानकर ... समझा नहीं भईय्या, तीन तीन महीने से क्या मतलब है ! ... मेरा मतलब यह है कि पिछले तीन महीने में जो ब्लॉग सर्वाधिक पढ़े जा रहे हैं वे ब्लॉग ही रेंक में टाप पर रहें, इस तरह एक-दो दिनों की आड़ में रेंकिंग ऊपर-नीचे स्वमेव होते रहेगी या जो दमदार ब्लॉग होगा वो टाप पर बना रहेगा ... इस सिस्टम से गुरु-चेलों, भाई-भतीजों तथा खुजा-खुजाऊँ सब को अपनी अपनी औकात समझ में जायेगी ... और बिनाका गीतमाला की गिरती छबी खुद खुद सुधर कर टाप पर पहुँच जायेगी ... भईय्या प्रणाम मान गया आपके दिमाग को ... प्रणाम !!!

16 comments:

ZEAL said...

सही लिखा आपने

मनोज कुमार said...

आपकी लेखनी का जादू चल गया। बहुत सही कहा है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
विचार-मानवाधिकार, मस्तिष्क और शांति पुरस्कार

आपका अख्तर खान अकेला said...

पूजा या नमाज़ कायम करो .....
जिसकी पूजा
या नमाज़ सच्ची
तो उसकी
जिंदगी अच्छी ,
जिसकी जिंदगी अच्छी
उसकी म़ोत अच्छी
जिसकी म़ोत अच्छी
उसकी आखेरत अच्छी
जिसकी आखेरत अच्छी
उसकी जन्नत पक्की
तो जनाब इसके लियें
करो पूजा या नमाज़ सच्ची ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Arvind Jangid said...

बड़ा ही सटीक लिखा है आपने, सुन्दर लेखनी को साधुवाद.

प्रवीण पाण्डेय said...

मुन्नी बदनाम हुयी... मानसिक विकृतियाँ है जो हास्य भाव लेकर आती हैं।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुझाव तो अच्छा है ...

Sushil Bakliwal said...

सुपरहिट फार्मला.

संगीता पुरी said...

बढिया लिखा है !!

समय चक्र said...

बहुत जोरदार मुन्नी बदनाम सडकों पे आम हुई ....हा हा हा

संजय भास्‍कर said...

मुन्नी बदनाम हुयी.
......बहुत खूब, लाजबाब !

राज भाटिय़ा said...

कया बात हे जी, सटीक लिखा आप ने. धन्यवाद

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

उदय जी,
यही ठीक रहेगा ,सही लिखा है आपने !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

vandana gupta said...

बडी दूर की कौडी खोज कर लाये हैं…………अच्छा सुझाव्।

JAGDISH BALI said...

बहुत उम्दा खोज़ !

हरीश प्रकाश गुप्त said...

तू मुझे खुजा, मैं तुझे खुजाऊँ - क्या शब्द गढ़े हैं।

बहत खूब।

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

achchha vyang...
sarthak baat...
dhanyvad.