Friday, November 19, 2010

कुछ शादी में मायूस, तो कई मईयत में खुश बैठे हैं !

क्या गजब रिवाज हैं, दुनियादारी के 'उदय'
कुछ शादी में मायूस, तो कई मईयत में खुश बैठे हैं !

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क्या अजब करतब दिखा रहा है, ऊपर बैठा मदारी 'उदय'
हम सन्नाटे में प्रसन्न, तो बहुत बाजे-गाजे में सन्न बैठे हैं !

14 comments:

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

समयचक्र said...

बेहद उम्दा प्रस्तुति .... दुनिया का यही रिवाज है ...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

इसी का नाम दुनिया है...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

यही विरोधाभास् जीवन का सत्य है ..

केवल राम said...

जीवन विरोधाभासों का संगम ,
कहीं ख़ुशी तो कहीं गम ...
किसी की आँखों में ख़ुशी
तो किसी की आँखें नम..
उम्दा प्रस्तुति
चलते -चलते पर आपका स्वागत है

दिगम्बर नासवा said...

Ye jeevan hai kuch bhi hota hai yahaan ...

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

क्या बात है !

गौरव शर्मा "भारतीय" said...

वाह क्या बात है.............

प्रवीण पाण्डेय said...

हम भी इस सन्नाटे में प्रसन्न हैं।

kshama said...

Dono sher bahut khoob kahe hain!

वन्दना अवस्थी दुबे said...

क्या बात है उदय जी.

ASHOK BAJAJ said...

कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको बहुत बहुत बधाई !

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) said...

Wah! sahi kaha...

मंजुला said...

really nice.....