क्या गजब रिवाज हैं, दुनियादारी के 'उदय'
कुछ शादी में मायूस, तो कई मईयत में खुश बैठे हैं !
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क्या अजब करतब दिखा रहा है, ऊपर बैठा मदारी 'उदय'
हम सन्नाटे में प्रसन्न, तो बहुत बाजे-गाजे में सन्न बैठे हैं !
कुछ शादी में मायूस, तो कई मईयत में खुश बैठे हैं !
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क्या अजब करतब दिखा रहा है, ऊपर बैठा मदारी 'उदय'
हम सन्नाटे में प्रसन्न, तो बहुत बाजे-गाजे में सन्न बैठे हैं !
14 comments:
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
बेहद उम्दा प्रस्तुति .... दुनिया का यही रिवाज है ...
इसी का नाम दुनिया है...
यही विरोधाभास् जीवन का सत्य है ..
जीवन विरोधाभासों का संगम ,
कहीं ख़ुशी तो कहीं गम ...
किसी की आँखों में ख़ुशी
तो किसी की आँखें नम..
उम्दा प्रस्तुति
चलते -चलते पर आपका स्वागत है
Ye jeevan hai kuch bhi hota hai yahaan ...
क्या बात है !
वाह क्या बात है.............
हम भी इस सन्नाटे में प्रसन्न हैं।
Dono sher bahut khoob kahe hain!
क्या बात है उदय जी.
कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको बहुत बहुत बधाई !
Wah! sahi kaha...
really nice.....
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