"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Monday, October 25, 2010
समाचार पत्र भी चले न्यूज चैनल्स की राह !
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी गोवा के अरब सागर में तैराकी का लुत्फ़ उठा रहे थे, नहाना-तैरना एक सामान्य प्रक्रिया है कोई भी, कहीं भी नहा सकता है फिर चाहे वो महेंद्र सिंह धोनी हों या कोई और ! यह इतनी बड़ी खबर भी नहीं है की इस पर चर्चा की जाए, किन्तु इस खबर से निकली एक खबर है उस पर चर्चा आवश्यक महसूस कर रहा हूँ वो खबर है कि इस खबर को देश के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने इतना तबज्जो दिया कि अपने मुख्य पेज पर ही महेंद्र सिंह धोनी व उनकी पत्नी साक्षी की नहाते-तैरते हुई फोटो को छापकर मुख्य समाचार का हिस्सा बना दिया ! यह फोटो वैसे तो सामान्य खबर भी नहीं थी किन्तु फ्रंट पेज में छपने से अपने आप में ख़ास खबर बन गई, वाह भाई वाह, अभी तक तो इस तरह की बे-सिर-पैर की खबरें न्यूज चैनल्स पर धड़ल्ले से टी.आर.पी.बढाने के लिए प्रसारित हो रही थीं किन्तु अब प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में इन्हें स्थान देना वो भी फ्रंट पेज पर ... ऊफ्फ ! न्यूज चैनल्स पर इस तरह की खबरें प्रसारित होना आम बात है अक्सर इस तरह की खबरें वे टी.आर.पी.के चक्कर में हर दूसरे दिन चलाते रहते हैं किन्तु देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में इस तरह की खबरें प्रकाशित होना चिंता का विषय है !
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समसामयिक
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13 comments:
बिलकुल सच कहा आपने ऐसे बे सर पैर के खबर न्यूज़ चैनलों में तो अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं पर इसका अख़बार कि सुर्खी बन जाना दुखद है.....
यह अखबारों के लिए कोई नई बात नहीं है, करीब पंद्रह साल पहले राजकुमारी डायना की ऐसी ही फोटो अखबार छापते थे। किसी का नाहना धोना भी खबर है और किसी के साथ कुछ भी हो जाए पर वह खबर नहीं।
यह अखबारों के लिए कोई नई बात नहीं है, करीब पंद्रह साल पहले राजकुमारी डायना की ऐसी ही फोटो अखबार छापते थे। किसी का नाहना धोना भी खबर है और किसी के साथ कुछ भी हो जाए पर वह खबर नहीं।
यह अखबारों के लिए कोई नई बात नहीं है, करीब पंद्रह साल पहले राजकुमारी डायना की ऐसी ही फोटो अखबार छापते थे। किसी का नाहना धोना भी खबर है और किसी के साथ कुछ भी हो जाए पर वह खबर नहीं।
क्या महत्वपूर्ण है, जब यह देश को समझ में आ जायेगा, देश भी महत्वपूर्ण हो जायेगा।
jo khabar thee wo to
khabarchee daba gaye .
kisi ka bathroom sai bahar
nahana duniya ko dikha gaye.
निश्चित ही चिंता का विषय है।
अखबारों को भी बिकना है....
क्रिकेट जब धर्मं हो जाएगा और क्रिकेटर भगवान्.. फिर शतक बने या ना बने.. क्रिकेटर तो प्रथम पृष्ठ पर रहेंगे ही... इसमें चिंता की कोई बात नहीं... शायद ही कोई होगा जिसने उन फोटो के भीतर जा के नहीं देखा हो.. फिर व्यर्थ विलाप क्यों..
!! सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा !!
अब इन्हे देश मै कोई समस्या तो दिखती नही, क्योकि सब समाचार पत्र वाले या तो बिक चुके हे इन नेताओ के हाथ या यह नेता ही मालिक हे इन समाचार पत्रो के ओर समाचार बेचने या दिखाने के लिये कुछ तो चाहिये इस लिये बेकार की बाते ही छापते रहते हे, इन्हे फ़ाड कर फ़ेंक दो जी, अच्छा हे खरीदो ही नही
bilkul sahi baat.... bahut afsos hota hai ..... media ki aisi gairjimmedari wali harkaten dekhkar....
बाजारवाद में जितना बच जाए वही आपना मानो.
बाकि तो सभी माल बिका हुवा है...
जो नहीं बिका वो आपनी कीमत का इन्तेज़ार कर रहा है.
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