चेला - भईय्या आप ब्लागजगत के नामी, गिरामी, धुरंधर ब्लॉगर हो ... पर मैं देखता हूँ कि आप दो-दो, चार-चार दिन तक पोस्ट नहीं लगाते और जब लगा भी देते हो तब कोई पढ़ने भी नहीं आता ... मेरा मतलब टिप्पणियों से है फिर भी रेंकिंग में चालीस की लिस्ट में बने हुए हैं ... मानना पडेगा, प्रणाम भईय्या !
गुरु - ये अपुन का स्टाईल है बिडू ... इसलिए ही तो लोग अपुन को खटरंग ब्लॉगर मानते हैं ... बोले तो धुरंधर ब्लॉगर !
चेला - वाह भईय्या वाह मानना पडेगा आपके स्टाईल को ... पर भईय्या ऐसा कब तक चलता रहेगा ... लोग पोस्ट पढ़ने नहीं आते ... आठ-दस आते भी हैं तो बिना टिप्पणी के चले जाते हैं ... कहीं आपकी रेंकिंग जमीन पर न आ जाए और आपका ब्लॉग 'धूल' चाटते न रह जाए !
गुरु - अबे चिरकुट ये भी अपुन का स्टाईल है .... जिसको पढ़ना है पढ़े न पढ़ना है न पढ़े ... जिसको टिपियाना है टिपियाये नहीं तो भाड़ में जाए ... अपुन ने ऐसी सेटिंग बैठाल कर रखी हुई है कि कोई भी अपुन का रेंकिंग नहीं बिगाड़ सकता ... मंच्च, वार्टा, चौप्पाल ये सब अपुन के चेले हैं पोस्ट लगाने के पहले अपुन को सेल्यूट जरुर मारते हैं ... अब तू शागिर्दगी में आ ही गया है तो धीरे धीरे सब सीख जाएगा ... हा हा हा !
12 comments:
सच कड़वा ही होता है. ज़्यादातर! पर सच तो सच ही है!
कुछ गंगा यहाँ भी बहे।
येल्लो भैया आ गए शागीर्दगी में।:)
आ गये सच में...
इसकी आवश्यकता है क्या?
धीरे धीरे सब सीख जाएगा ... हा हा हा
बहुत ही कड़ुवा सच ... हा हा ....
बहुत ही कड़ुवा सच ... हा हा ....
बहुत खूब !!!!! विश्लेषण "धीरे धीरे सब सीख जाएगा ... हा हा हा"
shyam bhai guru chele kaa samvaad bahut badhiya chal rahaa hai...jaari rakhiye.
it exits in all fields
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