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फर्क इतना ही है यारा, तेरी-मेरी मोहब्बत में
कि तू खामोश रहती है, और मैं कुछ कह नहीं सकता ।
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फर्क इतना ही है यारा, तेरी-मेरी मोहब्बत में
कि तू खामोश रहती है, और मैं कुछ कह नहीं सकता ।
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8 comments:
बहुत अच्छा लिखा है आपने. पढ़कर अच्छा लगा
Ye bhi khoob andaaz raha!
हर बार की तरह शानदार प्रस्तुति
khoobsoorat bhaav.........behad umdaa.
बहुत बढिया!
alll issss welllll
शेर बहुत सुंदर, चित्र विलकुल बकवास
आँखों ही आँखों में बात हो जाए तो बोलना काहे का ....
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