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वो आज क्यूं जख्म बन, मेरी आँखों में उतर आये थे
जब आँख से निकले तो, खून के कतरे निकले।
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वो आज क्यूं जख्म बन, मेरी आँखों में उतर आये थे
जब आँख से निकले तो, खून के कतरे निकले।
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6 comments:
. बहुत सुंदर शे' र ...........
बहुत खूब .....
महाकवि उदय तो आज पूरे फॉर्म में है!
शानदार!
bahut hi khob sher,
uday ji.
poonam
ग़ज़ब लिखा है .. कमाल ..
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