आतंकी दौर है तो क्या
रण है,
नक्सली खौफ़ है तो क्या
रण है,
बारूदी ढेर है तो क्या
रण है,
पहाडी डगर है तो क्या
रण है,
खडे रणक्षेत्र में हैं हम
रण है,
दिलों में धडकनें हैं हम
रण है,
खडे हैं मोर्चे पे हम
रण है,
जुनूं है, जान हैं हम
रण है,
वतन की आन हैं हम
रण है,
वतन की शान हैं हम
रण है !
6 comments:
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .
प्रशंसनीय रचना - बधाई
वतन की आन हैं हम
रण है,
वतन की शान हैं हम
रण है !
बेहतरीन प्रस्तुति .....
बेहतरीन प्रस्तुति!
बहुत खुबसुरत रचना. धन्यवाद
रण में भी तो अन्दरूनी रण है
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