जिस पोस्ट पर हमने
प्यार से दो-दो टिप्पणी ठोकीं
आज वही पोस्ट
मेरी पोस्ट से आगे निकली
लेकिन अफ़सोस
कि उस ब्लागर ने
न किया फ़र्ज अदा अपना
कम से कम एक टिप्पणी की
नजाकत तो बनती थी
उसकी एक टिप्पणी से
मेरी पोस्ट नंबर दो पे होती
खैर कोई बात नहीं
जो पोस्ट नं-२ पर है
उसकी बुनियाद भी
मेरी टिप्पणी पर है
यहां तक तो सफ़र
बिना अफ़सोस के गुजरा था
जब आई बात नं-३ की तो
मेरी पीठ पर खंजर उतरा था
इस पोस्ट की
नं-१ और नं-२ ने
जो खुशामद की थी
दो-दो ठोक कर टिप्पणी
अदावत की थी
चलो कोई बात नहीं
हम हार के खुश हो लेते हैं
जीतने वालों को दुआ देते हैं
इन हालात में
और क्या कहते हम
ब्लागिंग को अलविदा कहते हैं !!!
40 comments:
चलो कोई बात नहीं
हम हार के खुश हो लेते हैं
जीतने वालों को दुआ देते हैं
इन हालात में
और क्या कहते हम
ब्लागिंग को अलविदा कहते हैं !!!
@
अरे भाई क्यों ब्लोगिंग को अलविदा कहते हो ये लो टिप्पणी |
और ये एक दूसरी
और ये तीसरी
और ये चौथी
शायद अब और आने वाली टिप्पणियाँ पोस्ट को हॉट लिस्ट में पहुंचा दे
शुभकामनाएँ..
अगली बार मीठे झूठ के साथ पुन आयें.. :)
एक ब्लॉग बनाते है "उल्लू का पट्ठा"
और सब अपने ब्लॉग पोस्ट्स में उसका हवाला देते है फिर देखो न.वन ब्लोगर होगा 'उल्लू का पट्ठा' :)
@Ratan Singh Shekhawat
... आपका सुझाव बेहतरीन है ... वैसे जब कभी मुझे कोई पोस्ट जबरदस्त लगती है तो मैं अकेला उसे "टाप" पर पहुंचा देता हूं वो इसलिये मेरी मंशा रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उस पोस्ट को पढ सकें ... आपकी टिप्पणियों का स्वागत है क्योंकि इस पोस्ट का लेबल ही "फ़र्जी डाट काम" है !!!
@ श्याम कोरी 'उदय'
यानि आप एक बढ़िया ब्लॉग SEO हो
@Ratan Singh Shekhawat
... मुझे अंग्रेजी तनिक कम समझ आती है अत: SEO का भावार्थ समझाने का भी कष्ट करें, धन्यवाद!!!
shyam bhai meri or se 11van tippani swikar karen.
धन्यवाद!!!
majedaar post hai !
uday bhaai aek aap hi hen jinki lekhni kisi ki tippni ki mohtaaj nhin bs aapkaaa naam aaya nhin ke khubsurt post kaa khyaal aataa he or pdhne ke baad voh khyaal sch saaabit hota he fir bhaayi aaap to or blogrs se aekdm alg hen aap to logon ke khaasakr hmaare dil ke srtaaj hen. akhtar khan akela kota rajsthan
बहुत कायदे से खबर ली है आपने।
………….
संसार की सबसे सुंदर आँखें।
बड़े-बड़े ब्लॉगर छक गये इस बार।
uday, vyangya-kavita ke liye badhai
वाह उदय भाई
आज तो गजब की कवि्ता लि्ख डाली।
शुभकामनाएं
@ श्याम कोरी 'उदय'
SEO सर्च इंजन ओपटीमाइजर जो इन्टरनेट पर वेब साईट को प्रसिद्धी दिलाने का काम करते है | या कहिये वेब साईट के प्रचारक | जो कैसे भी वेब साईट को सर्च इंजनों में नंबर वन पर ले आते है |
सच कहूँ तो अब इसीलिए ब्लागिंग का मन नहीं करता........अब लोग आप की रचना की तारीफ नही करते बल्कि केवल आमन्त्रण देते हैं कि आप भी आयें......पढ़नेवाले के मन में सच्चाई नहीं होने के कारण अब ब्लागिंग निरर्थक लगता है.....है न...
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
गजब की कवि्ता लि्ख डाली।
गजब की कवि्ता लि्ख डाली।
उदय जी,
आपने सच लिखा है लेकिन ब्लॉग पर मुझे लगता है कि लोग टिप्पणी केवल टिप्पणी करने के लिये करते हैँ, पढ़ते भी हैँ या नहीँ पता नहीँ। कई बार तो लगता है कि एक लाइन लिखकर सभी के ब्लॉग पर पेस्ट कर देते हैँ।
इन हालात में
और क्या कहते हम
ब्लागिंग को अलविदा कहते हैं !!!
अगर ये सच है तो बहुत कड़वा है।
:) :) बढ़िया है...पर अलविदा वाली बात उचित नहीं....
बहुत सुंदर जी १
जितनी चाहो पाओ जी
@@Ratan Singh Shekhawat
... शुक्रिया भाई जी!!!
टिप्पणी के बने पारेस गोहार जय जोहार जय जोहार जय जोहार
टिप्पणी के बने पारेस गोहार जय जोहार जय जोहार जय जोहार
टिप्पणी के बने पारेस गोहार जय जोहार जय जोहार जय जोहार
टिप्पणी के बने पारेस गोहार जय जोहार जय जोहार जय जोहार
इस बात पर अलविदा??
अरे नहीं!!!!
जय जोहार
लाजिए आप भी शामिल हो गए इस फर्जीवाडे में, बधाई।
फर्जीवाड़े में हम साथ नहीं देने वाले ...:)
दोस्तों बार बार कमेट क्यों कर रहे
ये तो मेरा काम
दोस्तों बार बार कमेट क्यों कर रहे
ये तो मेरा काम
अच्छी प्रस्तुति...
अलविदा ?
नहीं
नहीं
नहीं
कभी नहीं ...
Post a Comment