...ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
... ब्लागवाणी भी पसंद/नापसंद ...
... चिट्ठाजगत भी हवाले-घोटाले ...
... २० पोस्ट लगागर ऊपर ... २०० पोस्ट लगाकर नीचे ...
....एक महिने में हीरो ....और एक साल वाले जीरो ...
... चिट्ठा चर्चा में भी फ़र्जीबाडा ... जिसे ऊपर भेजना है उसको सही लिंक ... जिसे नीचे ढकेलना है उसको फ़र्जी लिंक ...
... हम जिसको चाहें उसे ऊपर ले जायेंगे ... जिसे चाहें उसे पीछे ढकेल देंगें ...
... अच्छे लेखन की कोई कद्र नहीं ...
.... गुटबाजी ही असली ब्लागिंग ... बाकी सब ...
... कोई सिस्टम नहीं है ... सब मनमर्जी है ...
... अंधेर नगरी चौपट राजा है ...
.... टके शेर भाजी टके शेर खाजा है ...
.... पटका-पटकी ...
....शर्म करो ... शर्म करो ... क्या यही ब्लागिंग है ...
... हवा-हवाई है ...ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
...चिट्ठाजगत को समझाना ... ब्लागवाणी को समझाना ... .
...भोपाल गैस कांड जैसा ही ......ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
... कुछ ब्लागर क्यों पलायन कर गये ...
...बिना सिर पैर के पोस्ट की चर्चा ...
... अच्छे लेखन का क्रिया-कर्म ...
...तीन-चार लाईन लिखकर भी पोस्ट हिट ...
...सडैली-गरैली पोस्ट भी हिट ...
...शर्म करो ... शर्म करो ... ...ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
...जिंदाबाद जिंदाबाद ... मुर्दाबाद मुर्दाबाद ...ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
... नमस्ते ... नमस्ते ... नमस्ते ... अलविदा ब्लागिंग ......ब्लागिंग फ़र्जीबाडा है !!!
25 comments:
bahut sahi baat ki aapne
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
are nahi sir hamein ise farjibada banne se rokna hai...
अरे ऐसा कुछ नहीं ...ब्लॉग्गिंग तो आपके व्यक्तित्वा का दर्पण है भाई जी. मेरी २ दिन पुरानी एक पोस्ट पर मैंने यही समझाने की कोशिस की थी
मेरे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है..... कि क्या हो रहा है.....?
... आप सभी से सहमत हूं ... पर क्या किया जाये ... ब्लागिंग कठपुतली बन कर रह गई है ... ब्लागवाणी व चिट्ठाजगत के कुछ मूलभूत नियमों में संशोधन आवश्यक हो गया है ... मैंने पहले भी एक पोस्ट लगाई थी कि एक ब्लाग मात्र १५-२० पोस्ट लगाकर ऊपर चढ गया और कुछ ब्लाग १५०-२०० पोस्ट लगाकर भी पीछे हैं ....!!!
@राम त्यागी
... भाई जी .... अब हम ब्लागिंग को व्यक्तित्व का आईना नहीं कह सकते ... वो इसलिये हमने स्वयं ही ब्लागिंग को समाज, राष्ट्र व अंतर्राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत कर दिया है ...आज हम हर दूसरे-तीसरे दिन एक ऎसी पोस्ट लगाते हैं जिसका भाव / नजरिया / विषय ... सामाजिक / राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय होता है ... !!!!
इतना परेशान होने की जरुरत नहीं...उपर चढ़ भी गये तो हासिल क्या होगा..कौन से रुपये की बारिश होने लगेगी या पदम श्री मिल जायेगा??यही बता दे मुझे.
आपके सच्चे पाठकों की सच्ची दुआओं से ज्यादा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है...सो आपके पास खूब है....
शान्त चित्त सार्थक लिखते चलें.
ब्लॉगवाणी/ चिट्ठाजागत मूलतः आपकी पोस्ट दिखाने के लिए हैं, जो वो भलीभांति कर रहे हैं..नम्बर १ या नम्बर २ तो मात्र एक एडीशनल फीचर है..उसकी चिन्ता मत करिये..कब तक अच्छी चीज नीचे दबेगी...
@Udan Tashtari
... ब्लॉगवाणी/ चिट्ठाजागत मूलतः आपकी पोस्ट दिखाने के लिए हैं ... जैसा टिप्पणी मे बोला ... तो ये पोस्ट दिखाने का काम करें ... फ़र्जीबाडा को प्रोत्साहन क्यों, किसलिये ???
उडन तश्तरी जी की बात से सहमत हूँ।
समीर भाई ने सही कहा..
वैसे ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत या चिट्ठा चर्चा को मैंने कुछ नहीं दिया... इसलिए मेरी इनसे कोई अपेक्षा नहीं.. ये जैसे है वैसे अच्छे है.. बेहतर हो जाए.. बहुत खूब.. बंद हो जाए.. उनके है.. किसी को ऊपर करते है.. उनकी मर्जी... मैंने कुछ दिया सो.. i am happy..
@रंजन
... बात लेने-देने की नहीं है ... वैसे तो ब्लागस्पाट को भी किसी ने कुछ नहीं दिया ... फ़िर फ़र्जीबाडा को प्रोत्साहन क्यों, किसलिये ???
... क्या जिस कारण फ़र्जीबाडा का बोलबाला है उन नियमों / मापदंडों में संशोधन उचित नहीं है ???
... समीर लाल नंबर वन पर है और बने रहे ... उसे कोई हटा भी नहीं सकता ... वो आजीवन नंबर वन बना रहे मेरी उनको शुभकामनाएं ... पर उसकी हां में हां मिला देना गलत है ... मैं विरोध करता हूं ... चल रहे फ़र्जीबाडा में संशोधन आवश्यक व उचित हैं !!!
उदय ब्लोगिन्ग और ब्लोवाणी या चिट्ठाजगत एक नही है. और सिर्फ़ ब्लोग पोस्ट भी ब्लोगिन्ग नही है. अगर हम ब्लोग पोस्त का इस्तेमाल कर रहे है तो हमे सबसे पहले इसका शुक्रिया कहना चाहिये. ब्लोगवाणी पर भी इस तरह लिखने से पहले इसके तौर तरीके को समझो और पसन्द नही है तो यहा से हट जाओ. आपको शायद यह याद नही है कि जब ब्लोग वाणी इसी तरह की कुछ बातो से आहत होकर कुछ दिन के लिये बन्द हुआ तो ब्लोगरो को लगा जैसे उनकी दुनिया लुट गयी है. आप सुझाब दीजिये पर गरियाइयेगा नही.
सार्थक लिखते चलें.
Uday ji ki leela uday ji hi jaanee
जिस कारण फ़र्जीबाडा का बोलबाला है उन नियमों / मापदंडों में संशोधन उचित नहीं है ?
@H P SHARMA
... आप मुझे हटने का कह रहे हैं तात्पर्य आप इस फ़र्जीबाडा का समर्थन कर रहे हैं ?
... आप मुझे ब्लागवाणी या चिट्ठाजगत के तौर तरीके समझाने का प्रयास कर रहे हैं सर्वप्रथम आप स्वयं ही उन तौर-तरीकों (जिनकी बजह से फ़र्जीबाडा का बोलबाला है)को ठीक से समझ लें!!
मुझे पता है ब्लागिंग, ब्लागवाणी, चिट्ठाजगत अलग अलग हैं फ़िर भी समझाने के लिये शुक्रिया!!!
मैं इन्हें बंद करने की बात नहीं कर रहा हूं ... मैं तो सिर्फ़ संशोधन की बात कर रहा हूं ... शायद आपने गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया!!!
पाच घंटे में इन्टरनेट ठीक हुआ! हो गया. चल अब हिजड़ों को बुलाकर उनको नेग दे दे. ये भी साली कोई पोस्ट है? इसी तरह की घटिया बातें बताते रहते हैं दुनिया भर को.
और तुम्हारी तरह ही कुछ भी लिख दो और इस तरह की घटिया पोस्टों पर भी पच्चीस टिप्पणियां पा लो और फिर भी ब्लौगिंग को गरियाते जाओ! अरे जाओ और कुछ करो यदि इसमें अच्छा नहीं लगता है तो!
अजय झा और आदर्श आदमी my foot.
इस एक अकेले आदमी ने फर्जी अनगिनत ब्लौग ब्लौग बनाकर जितनी गंद मचाई है उसका कोई और मुकाबला नहीं कर सकता.
@Anaam
... बेनामी झोले ... तू अपने झोले में कुछ भी लेकर घूमते रहता है और कहीं भी कुछ पटक देता है बाद में आकर साफ़-सफ़ाई कर देना ... समझ गया !!!
तेरे को क्या लगता है कि यह पोस्ट टिप्पणी के लिये लगाई गई है ... अरे तू कहीं उनका समर्थक तो नहीं है !!!
.... तू बेनामी डमरू है कहीं भी बज सकता है ... अगर कुछ कर सकता है तो ... जो गंदगी फ़ैली हुई है उसको देख ...!!!
...दोबारा मत आ जाना !!!
आज से कम से कम आप तो फर्जीवाङा करना बंद ही कर दो....कम से कम फर्जी तो नहीं ही कहलाओगे....
अंकल गुस्से मे क्या लिख दिये हमको कुच्छ समझ नही आया हमे बताओ फ़र्जिवाडा क्या होता है ।
सच्चे पाठकों की सच्ची दुआओं से ज्यादा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है...udan tastariji our nirmala kapilaji se sahamat.
अलविदा ब्लागिंग ......ब्लागिंग
ये क्या है?
ऐसे नहीं।
वस्तुत: हम सभी हैं ब्लोगिन्ग पे फिदा। कह देते हैं भले अलविदा। पर भगवान कायम रखें हम लोगों के रिश्तों को, हों न कभी किसी से जुदा। जय जोहार्………
अरे उदय भैया, आप बिल्कुले सही कोह रहे हैं. ई ब्लागिंग ससुरी फ़र्जीबाडा ही नही बल्किल हमको तो पूरी दाल ही काली नजर आवत है. अऊर अभी हम आया ही हूं हम बताऊंगा कि ई दाल काली कैसे हुई अऊर किसने की. थोडे समय धीरज रखो भैया. अब हम टंगडीमार आगया हूं ना. अब चिंता नाही करने का बल्कि दूसरन को चिंता करवाने का.
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