बड़े भाई उस दिन आपकी बात बिलकुल सही थी ..हमने फोटो बदल कर तजा फोटो लगा ली ....आपने उस दिन सही ही कहा था ..पर तरीका थोड़ा सा हमें बुरा लगा तो ...हम बेवजह ही उबल गए .......परन्तु गौर से आपकी बात पर विचार किया तो हमें लगा आप की बात उचित थी .....बस अब इतना कहूँगा की अपने इस छोटे भाई को माफ़ कर दे ...और अपने विशाल हिरदय से मुझे माफ़ीदेने के तौर पर एक सुन्दर सी टिपण्णी भेजे ,,,,या ईमेल कर दे ताकि मेरे मन का मैल दूर हो और अपनी गलती को भुला सकूं ,,,,आपको फिर से सादर प्रणाम
20 comments:
बहुत सटीक कहा!!
एक अपील:
विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
बड़े भाई उस दिन आपकी बात बिलकुल सही थी ..हमने फोटो बदल कर तजा फोटो लगा ली ....आपने उस दिन सही ही कहा था ..पर तरीका थोड़ा सा हमें बुरा लगा तो ...हम बेवजह ही उबल गए .......परन्तु गौर से आपकी बात पर विचार किया तो हमें लगा आप की बात उचित थी .....बस अब इतना कहूँगा की अपने इस छोटे भाई को माफ़ कर दे ...और अपने विशाल हिरदय से मुझे माफ़ीदेने के तौर पर एक सुन्दर सी टिपण्णी भेजे ,,,,या ईमेल कर दे ताकि मेरे मन का मैल दूर हो और अपनी गलती को भुला सकूं ,,,,आपको फिर से सादर प्रणाम
शेरो के बारे मैं यही कहूँगा की शेर ..की कलम से निकले शेर है .....
शेर तो शेर यह बब्बर शेर है
आभार
@राजेन्द्र मीणा
... अब लग रहा है अपना भाई "स्मार्ट" ... शाम को फ़ुर्सत के पलों में आता हूं आपके ब्लाग पर ...!!!
waise Rajendra u r looking smart in new photo ..sher sahi raha :)
बेहतरीन ....प्रस्तुती
छा गए गुरू। काफी गंभीर बात।
छा गए गुरू। काफी गंभीर बात।
अपन तो भाई सर्वधर्म पर भरोसा रखने वाले हैं, इसलिए मजहबी लोगों की बहुत ज्यादा चिन्ता नहीं करते।
अभी तो अंग्रेजी बाबू ज्ञानदत्त साहब की सेवा में लगा हुआ है जाने कहां जाकर छिप गए है श्रीमानजी
कहीं से, फ़िर किसी के टूटने की चरचराहट है
चलो अच्छा हुआ, हम पत्थर- नुमा निकले.
.....बेहतरीन ....सटीक...वाह वाह.
........बहुत खूब, लाजबाब !
वाह ! बहुत बढ़िया! हर एक पंक्तियाँ प्रशंग्सनीय है! लाजवाब रचना!
बहुत श्रेष्ठ पक्तियां ...सन्देश से परिपूर्ण
विकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
अति सुंदर रचना के लिये धन्यवाद
Vaah Janaab ... ache sher hain sab .. parpahle waala sher kamaal ka hai ...
चलो अच्छा हुआ, हम पत्थर- नुमा निकले ।
उम्दा सोच!
कम शब्दों में बेहतरीन भाव..सुंदर रचन के लिए बधाई
कहीं से, फ़िर किसी के टूटने की चरचराहट है
चलो अच्छा हुआ, हम पत्थर- नुमा निकले ।
Kaash ham bhi aisa ban saken!
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