"एयरटेल" एक नामी-गिरामी टेलीफ़ोन कंपनी है जिसका मार्केट कैप भी अन्य प्रतियोगी कंपनियों से बडा है अभी-अभी इसने कुवैत की कंपनी "ज़ईन" के अफ्रीकी कारोबार को हासिल करने के लिए करार किया है और इस करार के साथ ही यह "और बडी कंपनी" बन गई है ...... पर इसके बडे होने का फ़ायदा क्या है !! ..... बिलकुल सच है इसके बडे होने का फ़ायदा तो तब है जब इसकी सुविधाएं भारत के आम ग्राहकों को लाभ पहुचाएं !!
.... लाभ पहुंचाना तो दूर की बात है ये करार होने के बाद से इतने "मदमस्त" हो गये कि इन्हें आम ग्राहकों की दिक्कतों से भी कोई लेना-देना नहीं रहा ..... हुआ ये कि मेरा इंटरनेट कनेक्शन भी इसी "नामी कंपनी" का है, "३१ मार्च" को फ़ोन और इंटरनेट दोनों "सुप्त अवस्था" में चले गये ....... शिकायत पे शिकायत करने पर .... बस बन रहा है सर ... शाम तक बन जायेगा ... केबल खराब हो गया है ..... केबल चोरी हो गया है .... बगैरह बगैरह !!
..... अभी सुबह उठकर चालू किया तब कहीं जाकर संतोष हुआ कि हां ... एयरटेल "कोमा" से बाहर आ गया है ... तीन-चार दिनों तक "फ़ोन और इंटरनेट" का कोमा में रहना इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है कि "एयरटेल" के भी "नाम बडे और दर्शन छोटे" हैं!!!
15 comments:
nice
बीएसएनएल हो या एयरटेल
बिना तेल के सब हैं फ़ेल
नाम बड़े दर्शन छोटे
दोनो के करम खोटे
आप सही कह रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह कंपनी इंटरनेट के मामले में उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी करती है। हमने 498 रुपए का मंथली कनेक्शन ले रखा है, जिसकी स्पीड 236.8 केबीपीएस बतायी जाती है, लेकिन हकीकत में 0 से लेकर 4-5 केबीपीएस ही रहती है।
जी इसमें बीएसएनएल का नाम भी जोड़ दीजिये मैं पिछले एक हफ्ते से कोई सन्देश...कोई फोन पाने के लिए तरस गया हूँ ...उफ़ ये कम्पनियां :(
हा हा!! कम से कम नाम तो बड़ा माना!!
"नाम बडे और दर्शन छोटे" हैं!!!
Yai haal lagbhag sabhi companies ka ho jaata hai. pahale lok lubhawan baaten aur baad mein 'wahi dhak ke teen paat'.....
आपने सच्चाई को बखूबी प्रस्तुत किया है! नाम बड़े और दर्शन छोटे..ये बात आपने बिल्कुल सही कहा है!
आप सही कह रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह कंपनी इंटरनेट के मामले में उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी करती है |
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे एयरटेल
ग्राहक को उलझन बड़े कर न पाए मेल
हमें तो सबसे बढ़िया अपना सरकारी फोन --ऍम टी अन अल --ही laga.
हमारा एम टी एन एल धाँसू है जी ।
कोई सुनवाई भी नही??? भाई इन से कहो सीधे ही गुंडा गर्दी कर ले अगर लुटना ही है तो नाम बदल कर क्यो लुटते है..क्यो इन गरीब गुंडो का नाम भी बदनाम करते है
मुझे तो इन नालायकों ने लीगल नोटिस भेज दिया था क्यों कि 'कटे हुए कनेक्सन' का मैंने 6 महीने से पेमेंट नहीं किया था। 6 महीने इन्हें मैं बताता रहा इनकी बकवास सुनता रहा। अंत में जब लीगल टर्मिनोलॉजी का प्रयोग करना शुरू किया और ढूढ़ ढाढ़ कर इनके हेड तक पहुँचा तो बात बनी...बी एस एन एल इस मामले में अच्छा है कि पारदर्शिता है और उन्हों ने सब अधिकारियों के नाम, फोन नम्बर और ई मेल अपने वेब साइट पर दे रखे हैं। उपर अगर आप पहुँच गए तो त्वरित कार्यवाही होती है।
अपने पास भी इसी कंपनी का इंटरनेट है लेकिन हमारे यहाँ तो अभी तक ऐसी कोई दिक्कत नहीं आई है
Post a Comment