" जो रीति-नीति इंसानों के बीच में लकीरें खींच दे वह अनुशरण के योग्य नही हो सकती।"
....................................................
" आधुनिकता कट्टरपंथ को समाप्त कर देगी और कट्टरपंथी देखते रह जायेंगे।"
....................................................
" भूख, नींद, सेक्स, जन्म, म्रत्यु का कोई धर्म नहीं है।"
....................................................
" उधार ले कर किसी अन्य को उधार मत दो।"
....................................................
"कर्ज लेकर किसी जोखिम वाले व्यवसाय में निवेश करना भलमनसाहत का कार्य नही है।"
....................................................
"बूंद-बूंद से घडा भर सकता है लेकिन नदियां व झरने ही समुन्दर बना सकते हैं।"
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Friday, November 20, 2009
बोल अनमोल
लेबल:
बोल-अनमोल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
13 comments:
भावों को इतनी सुंदरता से शब्दों में पिरोया है
सुंदर रचना....
bahut hi badhiyaa
बहुत अनमोल ओर सचे वचन जी
धन्यवाद
बेशक अनमोल।
------------------
सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।
behad sundar prastuti
शिक्षा प्रद अनमोल बचन बहुत अच्छे लगे
आपकी हर सलाह अनमोल है...जीवन में उतारने से लाभ अवश्य मिलेगा..
सचमुच अनमोल।
------------------
क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?
पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।
sach men anmol shabd shubhkamnayen
KAMAAL KA LIKHA HAI .... SOCH KE DEKHEN TO SAB SACH ...
उधार ले कर किसी अन्य को उधार मत दो।"
katu satya
yakinan aapke vachan anmol hai
lajwaab rachna
अनमोल बचन बहुत अच्छे लगे
Post a Comment