न कर गुमान ख़ुद पे, वक्त ने दिया साथ तो निकल आए हो
छोडेगा जब साथ तो बिखर जाओगे
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तंग हालत में भी, शान न टूटने पाये
'उदय' कुछ राहें , ऐसी दिखाते रहना
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ये सच है, बहुत उलझा हुआ हूँ
पर सुकून है, तेरे साथ होने से
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हम कडकेन्गे जब आसमान में बिजली बनकर
अंधेरों में कहीं तो रौशनी होगी
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है मुमकिन करो कोशिश , तुम मुझको भूल जाने की
पर नामुमकिन ही लगता है, भुला पाना मुझे यारा
10 comments:
तंग हालत में भी, शान न टूटने पाये
'उदय' कुछ राहें , ऐसी दिखाते रहना
......bahut khoob
bahutt khoob...behtareen ashaar
Rahen Dikhate Rehnaa HUZOOR
ये सच है, बहुत उलझा हुआ हूँ
पर सुकून है, तेरे साथ होने से
बहुत खुब भाई, सभी शेर बहुत सुंदर लगे.
धन्यवाद
अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी"में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...
behtreen sher hain ........ek se badhkar ek.
plz read my new blog---http://ekprayas.blogspot.com
बहुत ही सुंदर, भावपूर्ण और प्यारी रचना लिखा है आपने!ahut Barhia...aapka swagat hai...
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
तंग हालत में भी, शान न टूटने पाये
'उदय' कुछ राहें , ऐसी दिखाते रहना
बहुत खूब, वाह, वाह
हार्दिक बधाई.
लम्बे समय बाद वापसी सकारात्मक ही रही. आशा है यूँ ही बराबर लिखते रहेंगें.
चन्द्र मोहन गुप्त
www.cmgupta.blogspot.com
न कर गुमान ख़ुद पे, वक्त ने दिया साथ तो निकल आए हो
छोडेगा जब साथ तो बिखर जाओगे
श्यामजी इतने उम्दा शेर कोनसे जंगल से लाते हो भाई !! इनकी दहाड़ तो वाकई काबिले तारीफ है पर तारीफ के लिए अल्फाज नहीं है !!
ये सच है, बहुत उलझा हुआ हूँ
पर सुकून है, तेरे साथ होने से ..sath hona kitna sakoon deta hai....
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