Tuesday, May 26, 2009

शेर - 54

शेर - 54
वो भी तन्हा रह गए, हम भी तन्हा रह गए
उनकी खामोशियाँ, भी सिसकती रह गईं।
शेर - 53
फक्र कर पहले जमीं पर
फिर करेंगे आसमां पर।
शेर - 52
होते हैं हालात, मौत से बदतर
जो जीते-जी मौत दिखा देते हैं।