"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
हमें परवाह नही कि सितारे आसमां मे होंहम तो देखते हैं आसमां ,सुकूं के लिये ।
वाह, बहुत खूब, कम से कम कोई ये तो न कह सकेगा कि "दिन में तारे दिखा दिए"चन्द्र मोहन गुप्त
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वाह, बहुत खूब,
कम से कम कोई ये तो न कह सकेगा कि "दिन में तारे दिखा दिए"
चन्द्र मोहन गुप्त
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