"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
अभी भी वक्त है यारा, पलट के देख ले हमकोखुदा जाने, फिर कभी मौका न आयेगा ।
बहुत बहुत शुक्रिया आपके सुंदर टिपण्णी के लिए!बहुत ही अच्छा लगा! लिखते रहिये!
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1 comment:
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