Tuesday, March 17, 2009

बोल-अनमोल

“स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं आपस में कोई छोटा-बडा नही है किसी एक के बिना समाज की कल्पना निरर्थक है।”

3 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

Bhot gahri bat hai yeh agar koi samjhe to.....jahan ek dusre ka smman nahi hota wo ghr narak ban jata hai....!!

अनुपम अग्रवाल said...

सच कहा आपने .

सारी दिक्कत तो समझदारी की है .

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही अच्छी ओर सच्ची बात कही आप ने लेकिन हम मै से ही कई लोग यह सब बाते नही समझते.
धन्यवाद