"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
अगर हम चाहते तो, बन परिंदे आसमाँ में उड गये होतेजमीं की सौंधी खुशबू और तेरी चाहतों ने, हमें उडने नहीं दिया।
bahut khoob
छोटी-छोटी पंक्तियों में बड़ी-बड़ी बातें वाह!
अति सुंदर
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3 comments:
bahut khoob
छोटी-छोटी पंक्तियों में बड़ी-बड़ी बातें वाह!
अति सुंदर
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