"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
समयानुकूल अति सुंदर शेर
aaj ke parivesh ki jhalak.......sundar
आपका शेर पढ़ा .......वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनकोवतन के शिल्पी होकर जो गददार बन बैठे।अच्छा लगा पर ,......इसे तो हम यों कहना चाहेगें की वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनको गददार जब वतन के शिल्पी हो बन बैठे।जय शिया राम जी कीचंद्र मोहन गुप्ता
sahmat to mai bhi hu aapse par ab wakt aa gaya hai jab in shilpio ko hame shilpkar bankar ek naye saanche me dhalnaa hoga
बहुत ही सच्चा शेर है !!!
वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनकोवतन के शिल्पी होकर जो गददार बन बैठे।sach kaha hai aapne.
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6 comments:
समयानुकूल अति सुंदर शेर
aaj ke parivesh ki jhalak.......sundar
आपका शेर पढ़ा .......
वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनको
वतन के शिल्पी होकर जो गददार बन बैठे।
अच्छा लगा पर ,......
इसे तो हम यों कहना चाहेगें की
वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनको
गददार जब वतन के शिल्पी हो बन बैठे।
जय शिया राम जी की
चंद्र मोहन गुप्ता
sahmat to mai bhi hu aapse par ab wakt aa gaya hai jab in shilpio ko hame shilpkar bankar ek naye saanche me dhalnaa hoga
बहुत ही सच्चा शेर है !!!
वतन की खस्ताहाली से मतलब नहीं उनको
वतन के शिल्पी होकर जो गददार बन बैठे।
sach kaha hai aapne.
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