Thursday, July 28, 2016

चल ... छोड़ .. जाने दे उसे ..... ?

चल ... छोड़ .. जाने दे उसे
गर ... परवाह नहीं है .. उसे .. तेरी

तो फिर ... तू क्यूँ .. रो-बिलख रहा है
तड़फ रहा है ..
अंदर ही अंदर .. सिमट रहा है

देख .. उधर ... दूर ...
खिडक़ी से .. कोई .. तुझे देख रहा है

छोड़ .. जज्बात अपने
पहचान ... जज्बात उसके ...

जो ... दूर .. कहीं खिड़की से ..
तुझे .. चाह रहा है ...

उम्मीदों की आस लिए ..

मन ही मन .. दिल-ही-दिल ...
तुझे ... पुकार रहा है ... ?

चल ... छोड़ .. जाने दे उसे ..... ??

~ श्याम कोरी 'उदय'

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