Saturday, October 22, 2011

आज - कल !!

मैं कौन हूँ, मत पूछो
कुछ भी नहीं हूँ
सच ! अभी तक तो कुछ भी नहीं हूँ !
कल क्या होऊंगा -
ये मुझे
कम से कम
आज तो मालुम नहीं है !!

कौन जानता है -
कल को !
किसने देखा है -
कल को !
किसको है खबर -
कल की !
शायद ! किसी को भी नहीं !!

क्यों, क्योंकि -
हम
आज में ज़िंदा हैं
कल की सम्भावनाओं के सांथ
देखते हैं
कल क्या होगा -
या कुछ होगा भी नहीं !!

1 comment:

संगीता पुरी said...

आज में ज़िंदा हैं
कल की सम्भावनाओं के सांथ
देखते हैं
कल क्या होगा
या कुछ होगा भी नहीं !!

विश्‍वास में बडी शक्ति है !!