Thursday, September 8, 2011

हमारी सरकार ...

छोटे, बड़े, गरीब, अमीर
सख्त, पिलपिले, और मुस्टंडों
सब को, सभी प्रकार के
विक्रेताओं को
खरीद-खरीद कर
हमने
ये सरकार बनाई है
अब बनाई है, तो बनाई है
जग-जाहिर है !
देश के
एक एक आदमी को
सिर्फ यकीन नहीं
वरन पूर्ण विश्वास भी है
कि -
हमारी सरकार
ले-दे कर, खरीद-फरोख्त कर
बनी है, बनाई गई है
फिर, क्यों, लोग
हमसे यह उम्मीद करते हैं
कि -
हम, ईमानदारी से
बिना भ्रष्टाचार और घोटाले के
काम करेंगे
क्यों ? भला क्यों ??

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

देश बढ़े उन्नति के पथ पर।