Monday, July 11, 2011

लक्ष्मण रेखा ...

आज
हर घर के बाहर
एक एक लक्ष्मण रेखा
खिंची हुई है -
कुदरती !

कम से कम
रावण की तो हिम्मत
नहीं
जो रेखा पार कर
घर के अन्दर घुस जाए !

पर, आज
इसकी कोई गारंटी नहीं
कि -
सीताएं ही
घर के, बाहर न जाएं !!

5 comments:

Anju (Anu) Chaudhary said...

aaj kya har ghar mei sita hai???????

Asha Lata Saxena said...

अच्छी रचना |कटु सत्य है आज के युग का |यदि सामने थाली परोस दी जाए तो कोइ क्यूँ नहीं खाएगा
रावण क्या करेगा |
आशा

प्रवीण पाण्डेय said...

सन्नाट व्यंग आज के समाज पर।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अच्छी प्रस्तुति

Pratik Maheshwari said...

बेहतरीन.. क्या खूब बयां किया है आज की सच्चाई को.. अब सीता खुद ही बाहर जा रही है रावण से मिलने.. वाह!!

परवरिश पर आपके विचारों का इंतज़ार है..
आभार