"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
aaj kya har ghar mei sita hai???????
अच्छी रचना |कटु सत्य है आज के युग का |यदि सामने थाली परोस दी जाए तो कोइ क्यूँ नहीं खाएगा रावण क्या करेगा |आशा
सन्नाट व्यंग आज के समाज पर।
अच्छी प्रस्तुति
बेहतरीन.. क्या खूब बयां किया है आज की सच्चाई को.. अब सीता खुद ही बाहर जा रही है रावण से मिलने.. वाह!!परवरिश पर आपके विचारों का इंतज़ार है..आभार
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5 comments:
aaj kya har ghar mei sita hai???????
अच्छी रचना |कटु सत्य है आज के युग का |यदि सामने थाली परोस दी जाए तो कोइ क्यूँ नहीं खाएगा
रावण क्या करेगा |
आशा
सन्नाट व्यंग आज के समाज पर।
अच्छी प्रस्तुति
बेहतरीन.. क्या खूब बयां किया है आज की सच्चाई को.. अब सीता खुद ही बाहर जा रही है रावण से मिलने.. वाह!!
परवरिश पर आपके विचारों का इंतज़ार है..
आभार
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